आज के युग में हम मनुष्यों की प्रतिरोधक
क्षमता घटती जा रही है , नित्य नयी नयी बीमारियाँ सामने आती जा रही है लेकिन यदि हम थोड़ी सी
जागरूकता रखे तो निश्चय ही हम सभी लंबे समय तक निरोगी बने रह सकते है,
जानिए, रोगनाशक पौष्टिक आहार, Rognashak Paushtik Aahar दिव्य आहार, Divy Aahar ।
स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक है कि हमें सुबह का नाश्ता पौष्टिक ( Paushtik ) मिलना चाहिए । यहाँ पर हम आपको ऐसे ही पौष्टिक नाश्ते (Paushtik nashte ) के बारे में बता रहे है जो संजीवनी की तरह कारगर है इससे बल, बुद्धि, ओज, स्फूर्ति और वीर्य बढ़ता है।
इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ( pratirodhak shamta ) बहुत अधिक बढ़ जाती है शरीर हर तरह की बिमारियों से बचा रहता है ।
इस आहार को नियमित रूप से ग्रहण करने पर शरीर सुदृढ़ , आकर्षक बनता है, बुढ़ापा लंबे समय तक दूर रहता है , बच्चे भी अपनी उम्र से बड़े लोगो से भी आगे बने रहते है ।
इस पौष्टिक आहार ( Paushtik Aahar ) के लिए चार चम्मच गेंहू के दाने और एक चम्मच मेथी दाना ले फिर इन दोनों को अच्छी तरह से साफ़ पानी से धोकर एक गिलास पानी में डालकर ढककर चौबीस घंटे के लिए रख दें ।
चौबीस घंटे बाद इन्हें पानी से निकालकर सूती गीले कपडे में बांधकर पुनः अंकुरित होने के लिए लटका दें। गर्मियों के मौसम में इन पर बीच बीच में पानी के छींटे भी मारते रहें। ( सर्दियों में इसकी आवश्यकता नहीं पड़ती है )
गेंहू और मेथी दानो को जिस पानी में भिगोया था उस पानी में दो ग्राम सौंठ का चूर्ण , आधा निम्बू का रस और एक चम्मच शहद घोलकर उसे सुबह खाली पेट पी लें । यह पेय अमृत के सामान अत्यंत बलवर्धक, समस्त रोगों का निवारण करने वाला बन जाता है ।
गेंहू और मेथी के दाने जो अंकुरित होने के लिए लटकाए थे, उनमे सामान्यता दो से तीन दिन अंकुर आने में लगते है , अंकुरित होने पर इनका सुबह नाश्ते में इन पर सेंधा या काला नमक , पीसी काली मिर्च , नींबू / सिरका डालकर खूब चबा चबा कर सेवन करें ।
यह दिव्य आहार संजीवनी आहार कहलाता हैं। यदि किसी को अंकुरित अन्न चबाने में मुश्किल हो तो इसको दरदरा करके ( मिक्सी में मोटा पीसकर ) इसका सेवन करें ।
इस पौष्टिक आहार ( Paushtik Aahar ) के लिए नित्य नया गेंहू और मेथीदाना को अंकुरित करते रहें, ध्यान रहे कि अंकुरण के लिए उत्तम अनाज का ही उपयोग करें , इस से तीन चार दिनों के बाद निरंतर अंकुरित पौष्टिक आहार मिलना शुरू हो जायेगा।
नित्य इस दिव्य पेय और पौष्टिक आहार ( Paushtik Aahar ) का सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है ,
हड्डियाँ मजबूत होती है,
गठिया - जोड़ो का दर्द निकट भी नहीं आता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिससे कोई भी रोग निकट नहीं आता है,
शरीर में खून की कमी नहीं रहती है।
मधुमेह,
हृदय रोगों,
लीवर ,
किडनी के रोगों,
कैंसर, आदि समस्याओं में यह उत्तम औषधि का काम करता है।
कफ़ , अस्थमा , नपुंसकता , शीघ्रपतन की समस्या, स्त्री रोगों,त्वचा सम्बन्धी परेशानियों में रामबाण साबित होता है ।
इनके नित्य सेवन से आँखों की रौशनी तेज होती है ,
मोटापा दूर होता है, शरीर में ऊर्जा आती है,
यादाशत तेज होती है बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है ।
इसके सेवन से चेहरे पर कान्ति आती है यौवन अधिक उम्र तक बरक़रार रहता है । इस पेय और पौष्टिक आहार का सेवन करने वाले को किसी भी डॉक्टर के पास जाने की जरुरत नहीं पड़ती है ।
जानिए, रोगनाशक पौष्टिक आहार, Rognashak Paushtik Aahar दिव्य आहार, Divy Aahar ।
स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक है कि हमें सुबह का नाश्ता पौष्टिक ( Paushtik ) मिलना चाहिए । यहाँ पर हम आपको ऐसे ही पौष्टिक नाश्ते (Paushtik nashte ) के बारे में बता रहे है जो संजीवनी की तरह कारगर है इससे बल, बुद्धि, ओज, स्फूर्ति और वीर्य बढ़ता है।
इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ( pratirodhak shamta ) बहुत अधिक बढ़ जाती है शरीर हर तरह की बिमारियों से बचा रहता है ।
इस आहार को नियमित रूप से ग्रहण करने पर शरीर सुदृढ़ , आकर्षक बनता है, बुढ़ापा लंबे समय तक दूर रहता है , बच्चे भी अपनी उम्र से बड़े लोगो से भी आगे बने रहते है ।
इस पौष्टिक आहार ( Paushtik Aahar ) के लिए चार चम्मच गेंहू के दाने और एक चम्मच मेथी दाना ले फिर इन दोनों को अच्छी तरह से साफ़ पानी से धोकर एक गिलास पानी में डालकर ढककर चौबीस घंटे के लिए रख दें ।
चौबीस घंटे बाद इन्हें पानी से निकालकर सूती गीले कपडे में बांधकर पुनः अंकुरित होने के लिए लटका दें। गर्मियों के मौसम में इन पर बीच बीच में पानी के छींटे भी मारते रहें। ( सर्दियों में इसकी आवश्यकता नहीं पड़ती है )
गेंहू और मेथी दानो को जिस पानी में भिगोया था उस पानी में दो ग्राम सौंठ का चूर्ण , आधा निम्बू का रस और एक चम्मच शहद घोलकर उसे सुबह खाली पेट पी लें । यह पेय अमृत के सामान अत्यंत बलवर्धक, समस्त रोगों का निवारण करने वाला बन जाता है ।
गेंहू और मेथी के दाने जो अंकुरित होने के लिए लटकाए थे, उनमे सामान्यता दो से तीन दिन अंकुर आने में लगते है , अंकुरित होने पर इनका सुबह नाश्ते में इन पर सेंधा या काला नमक , पीसी काली मिर्च , नींबू / सिरका डालकर खूब चबा चबा कर सेवन करें ।
यह दिव्य आहार संजीवनी आहार कहलाता हैं। यदि किसी को अंकुरित अन्न चबाने में मुश्किल हो तो इसको दरदरा करके ( मिक्सी में मोटा पीसकर ) इसका सेवन करें ।
इस पौष्टिक आहार ( Paushtik Aahar ) के लिए नित्य नया गेंहू और मेथीदाना को अंकुरित करते रहें, ध्यान रहे कि अंकुरण के लिए उत्तम अनाज का ही उपयोग करें , इस से तीन चार दिनों के बाद निरंतर अंकुरित पौष्टिक आहार मिलना शुरू हो जायेगा।
नित्य इस दिव्य पेय और पौष्टिक आहार ( Paushtik Aahar ) का सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है ,
हड्डियाँ मजबूत होती है,
गठिया - जोड़ो का दर्द निकट भी नहीं आता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिससे कोई भी रोग निकट नहीं आता है,
शरीर में खून की कमी नहीं रहती है।
मधुमेह,
हृदय रोगों,
लीवर ,
किडनी के रोगों,
कैंसर, आदि समस्याओं में यह उत्तम औषधि का काम करता है।
कफ़ , अस्थमा , नपुंसकता , शीघ्रपतन की समस्या, स्त्री रोगों,त्वचा सम्बन्धी परेशानियों में रामबाण साबित होता है ।
इनके नित्य सेवन से आँखों की रौशनी तेज होती है ,
मोटापा दूर होता है, शरीर में ऊर्जा आती है,
यादाशत तेज होती है बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है ।
इसके सेवन से चेहरे पर कान्ति आती है यौवन अधिक उम्र तक बरक़रार रहता है । इस पेय और पौष्टिक आहार का सेवन करने वाले को किसी भी डॉक्टर के पास जाने की जरुरत नहीं पड़ती है ।
No comments:
Post a Comment